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बांज का पेड़ क्या होता है और इसकी क्या विशेषता होती है, आइए यह जानते है। Let us find out what an oak tree is and what are its specialties.



बांज का पेड़, जिसे बलूत या शाहबलूत के नाम से भी जाना जाता है, एक सदाबहार ओक का पेड़ है (Quercus leucotrichophora)। यह मध्य हिमालय क्षेत्र का मूल पेड़ है, जो मुख्य रूप से भारत, नेपाल, म्यांमार, पाकिस्तान, थाईलैंड और वियतनाम में पाया जाता है।

बांज के पेड़ की कुछ प्रमुख विशेषताएं:

  • दिखावट: बांज का पेड़ एक मध्यम से बड़ा पेड़ होता है, जो 15-25 मीटर (49-82 फीट) तक ऊंचा हो सकता है। इसका एक घना, गोल आकार का मुकुट होता है, जिसमें चिकनी, टैन-ब्राउन छाल होती है जो उम्र के साथ हल्की दरारयुक्त और कॉर्क जैसी बन जाती है। इसकी पत्तियां एक-दूसरे के आमने-सामने, लम्बी अंडाकार आकार की और किनारों पर दांतेदार होती हैं। युवा पत्तियां गुलाबी-बैंगनी रंग की होती हैं, जो परिपक्व होने पर ऊपरी सतह पर गहरे हरे और नीचे की सतह पर सफेद बालों की वजह से चांदी-ग्रे रंग की हो जाती हैं।
  • पर्यावास: बांज का पेड़ शीतोष्ण जलवायु और अच्छी जल निकास वाली मिट्टी में पनपता है, जो हिमालय में मध्यम ऊंचाई (1,500–3,000 मीटर या 4,900–9,800 फीट) पर पाए जाते हैं।
  • उपयोग: बांज का पेड़ बहुउद्देश्यीय पेड़ है जिसके कई उपयोग हैं:
    • भोजन: बलूत (फल) खाने योग्य होते हैं और इन्हें सुखाकर, पीसकर स्टू को गाढ़ा करने या रोटी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। बीजों को भुनाकर कॉफी के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
बांज का फल
    • इंधन और लकड़ी: इसकी लकड़ी ईंधन का एक बहुमूल्य स्रोत है और इसका उपयोग कृषि उपकरण और निम्न-गुणवत्ता वाले निर्माण कार्यों में भी किया जाता है।
    • चारा: हिमालय में पशुओं के लिए बांज के पत्ते चारे का एक प्रमुख स्रोत हैं।
    • औषधि: छाल और गांठों (पत्तों पर होने वाली वृद्धि) में औषधीय गुण हो सकते हैं।
    • रेशम उत्पादन: अतीत में, तसर रेशम उत्पादन के लिए रेशम के कीड़ों को खिलाने के लिए बांज के पत्तों का उपयोग किया जाता था।


बांज का पेड़ हिमालयी वनों का एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक घटक है। यह वन्यजीवों को भोजन और आश्रय प्रदान करता है, मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करता है और क्षेत्र की समग्र जैव विविधता में योगदान देता है।