उत्तराखंड में जलवायु और भौगोलिक स्थिति के कारण विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं। यहाँ की मुख्य फसलें निम्नलिखित हैं:
खरीफ फसलें: धान, मक्का, मोटे अनाज (जैसे बाजरा, ज्वार), दालें (जैसे मूंग, उड़द)
रबी फसलें: गेहूं, जौ, चना, मटर
नकदी फसलें: आलू, टमाटर, बैंगन, मिर्च, फूलगोभी
फल: सेब, नाशपाती, आड़ू, अखरोट, किन्नू
पर्वतीय क्षेत्रों में:
मोटे अनाज (जैसे मडुआ, कांगड़ा)
दालें (जैसे राजमा, मसूर)
तिलहन (जैसे सरसों)
सब्जियां (जैसे लौकी, तोरी)
मैदानी क्षेत्रों में:
धान
गेहूं
मक्का
दालें
उत्तराखंड में कृषि पर प्रभाव डालने वाले कारक:
जलवायु: पर्वतीय क्षेत्रों में ठंडी जलवायु और मैदानी क्षेत्रों में गर्म जलवायु होने के कारण विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं।
भौगोलिक स्थिति: पहाड़ी ढलानों पर सीढ़ीनुमा खेती की जाती है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में समतल भूमि पर खेती की जाती है।
सिंचाई: अधिकांश क्षेत्र वर्षा पर निर्भर हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में सिंचाई के लिए नहरें और कुएं का उपयोग किया जाता है।
मिट्टी: विभिन्न प्रकार की मिट्टी होने के कारण विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं।
कृषि में चुनौतियाँ:
पहाड़ी ढलानों पर खेती करना मुश्किल होता है।
अधिकांश क्षेत्र वर्षा पर निर्भर हैं, जिससे सूखे का खतरा बना रहता है।
मिट्टी की उर्वरता कम होती है।
कृषि उपकरणों की कमी।
बाजार मूल्यों में अस्थिरता।
उत्तराखंड सरकार द्वारा कृषि विकास के लिए किए जा रहे प्रयास:
सिंचाई सुविधाओं का विस्तार
कृषि उपकरणों पर सब्सिडी
किसानों को प्रशिक्षण
नई फसलों का विकास
बाजार पहुंच में सुधार
यह जानकारी आपको उत्तराखंड की कृषि के बारे में बेहतर समझने में मदद करेगी।
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