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उत्तराखंड का स्वादिष्ट चूड़ा: एक विस्तृत नज़र। उत्तराखंड का चूड़ा कैसे बनता है।

 

उत्तराखंड का स्वादिष्ट चूड़ा

उत्तराखंड का चूड़ा न केवल एक व्यंजन है, बल्कि पहाड़ी संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है। यह एक हल्का और पौष्टिक नाश्ता है जिसे धान से बनाया जाता है। आइए जानते हैं कि इसे कैसे बनाया जाता है:

सामग्री:

 * धान

 * पानी

विधि:

 * धान को भिगोना: सबसे पहले, धान को अच्छी तरह से धोकर पानी में भिगो दें। इसे रात भर या कम से कम 4-5 घंटे के लिए भिगोना चाहिए।

 * धान को भूनना: भिगोए हुए धान को एक कढ़ाई में डालकर धीमी आंच पर भूनें। धान को लगातार चलाते रहें ताकि वह जल न जाए।

 * धान को कूटना: भूने हुए धान को एक उखल में डालकर मूसल से कूटें। इसे तब तक कूटते रहें जब तक कि धान चूरा के रूप में न बदल जाए।

 * छानना: कूटा हुआ चूड़ा को एक छन्नी से छान लें। बड़े-बड़े टुकड़ों को फिर से कूटें।

अतिरिक्त जानकारी:

 * धान का चुनाव: चूड़ा बनाने के लिए विशेष प्रकार का धान इस्तेमाल किया जाता है। यह धान छोटा और मोटा होता है।

 * उखल: उखल एक पारंपरिक औजार है जिसका इस्तेमाल धान को कूटने के लिए किया जाता है। यह पत्थर का बना होता है।

 * मूसल: मूसल एक लकड़ी का हथौड़ा होता है जिसको गुंजाऊं भी कहा जाता है। जिसका इस्तेमाल धान को कूटने के लिए किया जाता है।

 * चूड़ा के प्रकार: चूड़ा को कई तरह से बनाया जाता है। कुछ लोग इसे मोटा कूटते हैं, तो कुछ लोग इसे बारीक कूटते हैं।

चूड़ा का उपयोग:

चूड़ा को कई तरह से खाया जा सकता है। इसे दही के साथ, शहद के साथ या फिर मीठे के रूप में भी खाया जा सकता है। उत्तराखंड में, भैया दूज के दिन चूड़ा को विशेष रूप से बनाया जाता है।

यहाँ एक वीडियो भी है जो आपको चूड़ा बनाने की प्रक्रिया को दिखाएगा:

क्या आप चूड़ा बनाने की विधि के बारे में और कुछ जानना चाहते हैं?


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