बैजनाथ|Baijnath |
बैजनाथ, उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यह जगह अपनी प्राचीन मंदिरों की श्रृंखला और खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। बैजनाथ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व इसे उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक बनाता है।
बैजनाथ का इतिहास
- बैजनाथ का निर्माण 9वीं-10वीं शताब्दी में कत्यूरी राजाओं के शासनकाल में हुआ था।
- यह जगह कत्यूरी राजवंश की प्राचीन राजधानी भी रही है।
- बैजनाथ मंदिर समूह में भगवान शिव, देवी पार्वती, भगवान विष्णु और अन्य देवताओं के मंदिर हैं।
बैजनाथ मंदिर का महत्व
- यहां का प्रमुख मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहां वैद्यनाथ के रूप में पूजा जाता है। वैद्यनाथ का अर्थ है "चिकित्सक भगवान शिव।"
- मंदिर में शिवलिंग जलाशय के पास स्थित है, और लोग इसमें मछलियों को भोजन देकर पुण्य अर्जित करते हैं।
- यह मंदिर गोमती नदी के किनारे स्थित है, जो इसे और भी पवित्र बनाता है।
प्राकृतिक सौंदर्य
- बैजनाथ हरियाली, पहाड़ों और गोमती नदी के साथ एक सुरम्य स्थान है।
- यहां का शांत वातावरण पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है।
कैसे पहुंचें?
- निकटतम रेलवे स्टेशन: काठगोदाम (लगभग 136 किलोमीटर)
- निकटतम हवाई अड्डा: पंतनगर हवाई अड्डा (लगभग 180 किलोमीटर)
- बैजनाथ सड़कों के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है और यह अल्मोड़ा, बागेश्वर और कौसानी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के पास स्थित है।
बैजनाथ घूमने का समय
- यहां आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है, जब मौसम सुहावना रहता है।
अन्य जानकारी
बैजनाथ उत्तराखंड के समृद्ध इतिहास, आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम है। यह स्थान धार्मिक यात्रियों और प्रकृति प्रेमियों दोनों के लिए आदर्श है।
ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बैजनाथ को कुदरत ने भी नेमत बख्शी है। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गोमती और गरुड़ गंगा के संगम पर शिव और पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।
वैद्यों के भगवान शिव वैद्यानाथन को समर्पित बैजनाथ दरअसल मंदिरों का समूह है। यहाँ शिव, पार्वती, गणेश,चंडिका, सूर्य और ब्रह्मा जी की मूर्तियाँ स्थापित हैं। इसी मंदिर समूह के नाम से शहर का नाम भी बैजनाथ पड़ा।
गोमती नदी के बाएं किनारे पर 1126 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मंदिर पत्थरों को तराश कर बनाया गया है। मुख्य मंदिर में काले पत्थर से निर्मित पार्वती की सुन्दर मूर्ती है। मंदिर पत्थरों से निर्मित सीढ़ियों को पार कर पहुंचा जा सकता है। ये सीढियां कत्युरी रानी के आदेश पर बनायीं गयी थी।
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